मैं मिलकर आया हूँ
उन
हुक़्मरानों से
जो
वक़्त को
तरज़ीह नहीं देते
वे कहा करते थे
अक्सर
कि
वक़्त
खूँटी से बँधी
जाग़ीर है उनकी
मग़र आज
वो
कर रहे हैं इंतजार
झौंपड़-पट्टी में बैठ
वक़्त के
बदलने का
ना-मुराद़..
बेखब़र थे वक़्त की मार से....!!
......पंकज शर्मा
उन
हुक़्मरानों से
जो
वक़्त को
तरज़ीह नहीं देते
वे कहा करते थे
अक्सर
कि
वक़्त
खूँटी से बँधी
जाग़ीर है उनकी
मग़र आज
वो
कर रहे हैं इंतजार
झौंपड़-पट्टी में बैठ
वक़्त के
बदलने का
ना-मुराद़..
बेखब़र थे वक़्त की मार से....!!
......पंकज शर्मा
Sahi... Steek Rachna
जवाब देंहटाएंआप अपना कमेंट सीधे ब्लाग पर कीजिए। गूगल प्लस पर कमेंट करने का कोइर् फाएददा नहीं।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार... शर्मा जी
जवाब देंहटाएंखान साहिबा राय के लिए धन्यवाद...!!
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