******** ग़ज़ल ********
=================
=================
काम तुम बेहिसाब....., कर दो ना
छूके मुझको गुलाब.., कर दो ना।
=================
ग़र मुहब्बत है इक बुरी..., आदत
मेरी आदत खराब...., कर दो ना।
=================
आरज़ू इक........, यही है बस मेरी
रुख़ जरा बेनक़ाब...., कर दो ना।
=================
धड़कनों के सवाल........., इतने हैं
इक मुकम्मल जवाब कर दो ना।
=================
रोशनी से चराग़............., यूँ बोला
सामने आफ़ताब कर......, दो ना।
=================
थक चुका हूँ.. मैं उलझनों से अब
एक सुलझी किताब.. कर दो ना।
=================
है गुज़ारिश ऐ.. ज़िन्दगी...., तुझसे
अब तो मेरा हिसाब.. कर दो ना।
=================
*|| पंकज शर्मा "परिंदा" ||*
=================
=================
काम तुम बेहिसाब....., कर दो ना
छूके मुझको गुलाब.., कर दो ना।
=================
ग़र मुहब्बत है इक बुरी..., आदत
मेरी आदत खराब...., कर दो ना।
=================
आरज़ू इक........, यही है बस मेरी
रुख़ जरा बेनक़ाब...., कर दो ना।
=================
धड़कनों के सवाल........., इतने हैं
इक मुकम्मल जवाब कर दो ना।
=================
रोशनी से चराग़............., यूँ बोला
सामने आफ़ताब कर......, दो ना।
=================
थक चुका हूँ.. मैं उलझनों से अब
एक सुलझी किताब.. कर दो ना।
=================
है गुज़ारिश ऐ.. ज़िन्दगी...., तुझसे
अब तो मेरा हिसाब.. कर दो ना।
=================
*|| पंकज शर्मा "परिंदा" ||*