आँखों के जब आगे छा रहा
अंधेरा घोर..,
लेकर प्रेम की बाती तो बढ़ो
श्याम की ओर..,
बढ़ो श्याम की ओर कि सब
संकट भागें दूर.,
हर संकट के आगे खड़ौ मेरौ
माखन मिस़री चोर..,
आओ चलें सब मिलकर उस
ईश्वर की ओर..,
कहते हैं सब उनको नटवर
नंद किशोर..,
नटवर नंद किशोर कि सब के
मन के मीत..,
बरसाने की राधा जिनकी
बन गयी चाँद चकोर..,
बंसी मधुर बजावै लै माथे
मुकुट मोर..,
हर धुन पर राधा नाचे हो मन में
भाव विभोर..,
मन में भाव विभोर कि
सबके प्राण प्रिय..,
आओ चले सब मिलकर उस
ईश्वर की ओर..,
"पंकज शर्मा"
अंधेरा घोर..,
लेकर प्रेम की बाती तो बढ़ो
श्याम की ओर..,
बढ़ो श्याम की ओर कि सब
संकट भागें दूर.,
हर संकट के आगे खड़ौ मेरौ
माखन मिस़री चोर..,
आओ चलें सब मिलकर उस
ईश्वर की ओर..,
कहते हैं सब उनको नटवर
नंद किशोर..,
नटवर नंद किशोर कि सब के
मन के मीत..,
बरसाने की राधा जिनकी
बन गयी चाँद चकोर..,
बंसी मधुर बजावै लै माथे
मुकुट मोर..,
हर धुन पर राधा नाचे हो मन में
भाव विभोर..,
मन में भाव विभोर कि
सबके प्राण प्रिय..,
आओ चले सब मिलकर उस
ईश्वर की ओर..,
"पंकज शर्मा"
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